Understanding the Difference Between Desire and God's Will
Summary
### Summary
आज का संदेश परमेश्वर की इच्छा और हमारी तड़प के बीच के अंतर को समझाने पर केंद्रित था। परमेश्वर हमारी जरूरतों के खिलाफ नहीं है, लेकिन जब तड़प की बात आती है, तो वह इसके खिलाफ है। तड़प एक ऐसी स्थिति है जहां हमारी इच्छाएं हमारी जरूरतों से अधिक हो जाती हैं और हमें गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित करती हैं। उदाहरण के लिए, इसौ ने अपनी तड़प के कारण अपने पहलोटा के अधिकार को बेच दिया, जो कि एक महत्वपूर्ण आत्मिक अधिकार था।
जब हम शारीरिक या मानसिक रूप से थके हुए होते हैं, तो हमें सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह वह समय होता है जब शत्रु हमें कमजोर पाता है और हमें गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित करता है। इसौ ने अपनी तड़प के कारण अपने अधिकार को बेच दिया और यह एक महत्वपूर्ण आत्मिक अदली-बदली थी। शब्दों की शक्ति को भी समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि शब्दों के माध्यम से ही यह अदली-बदली हुई थी।
हमारे जीवन में भी कई बार हम अपनी तड़प के कारण गलत निर्णय लेते हैं, चाहे वह पैसे के लिए हो, खाने के लिए हो, या दिखने की इच्छा के लिए हो। हमें अपनी तड़प पर नियंत्रण रखना चाहिए और परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चलना चाहिए।
याकूब ने अपने बेटों पर भविष्यवाणी की और रूबन को उसके गलत निर्णयों के लिए चेतावनी दी। यह हमें सिखाता है कि हमारे निर्णयों का प्रभाव हमारे भविष्य पर पड़ता है। हमें अपने जीवन में परमेश्वर की इच्छा को समझना और उसे अपनाना चाहिए ताकि हम सही दिशा में चल सकें।
### Key Takeaways
1. तड़प और जरूरत का अंतर: परमेश्वर हमारी जरूरतों के खिलाफ नहीं है, लेकिन जब तड़प की बात आती है, तो वह इसके खिलाफ है। तड़प वह स्थिति है जहां हमारी इच्छाएं हमारी जरूरतों से अधिक हो जाती हैं और हमें गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित करती हैं। हमें अपनी तड़प पर नियंत्रण रखना चाहिए और परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चलना चाहिए। [01:14]
2. शारीरिक और मानसिक थकान: जब हम शारीरिक या मानसिक रूप से थके हुए होते हैं, तो हमें सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह वह समय होता है जब शत्रु हमें कमजोर पाता है और हमें गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित करता है। इसौ ने अपनी तड़प के कारण अपने अधिकार को बेच दिया और यह एक महत्वपूर्ण आत्मिक अदली-बदली थी। [03:40]
3. शब्दों की शक्ति: शब्दों की शक्ति को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि शब्दों के माध्यम से ही अदली-बदली होती है। याकूब ने अपने बेटों पर भविष्यवाणी की और रूबन को उसके गलत निर्णयों के लिए चेतावनी दी। यह हमें सिखाता है कि हमारे शब्दों का प्रभाव हमारे भविष्य पर पड़ता है। [08:21]
4. आत्मिक अदली-बदली: आत्मिक अदली-बदली एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। जब हम कहते हैं कि हम येशु में अपने प्राण, आत्मा, और शरीर को सौंपते हैं, तो एक आत्मिक अदली-बदली होती है। यह हमें सिखाता है कि हमारे निर्णयों का आत्मिक प्रभाव होता है और हमें सावधान रहना चाहिए। [16:12]
5. परमेश्वर की इच्छा को समझना: हमारे जीवन में परमेश्वर की इच्छा को समझना और उसे अपनाना महत्वपूर्ण है। हमें अपने जीवन में सही दिशा में चलने के लिए परमेश्वर की इच्छा को समझना चाहिए और अपनी तड़प पर नियंत्रण रखना चाहिए। [38:03]
### Youtube Chapters
[0:00] - Welcome
[01:14] - तड़प और जरूरत का अंतर
[03:40] - शारीरिक और मानसिक थकान
[05:28] - इसौ की तड़प और अदली-बदली
[08:21] - शब्दों की शक्ति
[16:12] - आत्मिक अदली-बदली
[20:50] - याकूब की भविष्यवाणी
[24:32] - तड़प के खतरों से सावधान
[28:50] - तड़प पर नियंत्रण
[31:36] - दिखने की तड़प
[36:08] - परमेश्वर की इच्छा को समझना
[38:03] - अच्छे कामों के लिए बनाए गए
[42:59] - परमेश्वर की शक्ति
Study Guide
### Bible Study Discussion Guide
#### Bible Reading
1. Genesis 25:29-34 - The story of Esau selling his birthright to Jacob.
2. Genesis 49:3-4 - Jacob's prophecy and warning to Reuben.
3. Ephesians 2:10 - Created for good works in Christ Jesus.
#### Observation Questions
1. What was Esau's condition when he sold his birthright to Jacob? How did his physical and emotional state influence his decision? ([03:40])
2. How did Jacob use words to obtain Esau's birthright? What does this tell us about the power of words? ([08:21])
3. What warning did Jacob give to Reuben in Genesis 49:3-4? How did Reuben's past actions affect his future? ([20:50])
4. According to Ephesians 2:10, for what purpose are we created in Christ Jesus?
#### Interpretation Questions
1. How does the story of Esau and Jacob illustrate the difference between need and craving? What can we learn from Esau's mistake? ([01:14])
2. Why is it important to be cautious when we are physically or mentally exhausted? How can this awareness help us make better decisions? ([03:40])
3. In what ways can our words have a lasting impact on our lives and the lives of others? How can we use this understanding to speak more wisely? ([08:21])
4. How does understanding God's will for our lives help us control our cravings and make better decisions? ([38:03])
#### Application Questions
1. Reflect on a time when you made a decision based on a craving rather than a need. How did it affect you, and what would you do differently now? ([01:14])
2. When you are physically or mentally exhausted, what practical steps can you take to avoid making poor decisions? ([03:40])
3. Think about a recent conversation where your words had a significant impact. How can you be more mindful of the power of your words in future interactions? ([08:21])
4. Identify a specific craving in your life that you struggle with. What strategies can you implement to control this craving and align your actions with God's will? ([28:50])
5. How can you better understand and follow God's will in your daily life? What resources or practices can help you stay focused on His guidance? ([38:03])
6. Consider the influence of your decisions on your future and the future of those around you. How can you make choices that reflect God's will and lead to positive outcomes? ([20:50])
7. Ephesians 2:10 says we are created for good works. What specific good work can you commit to this week to live out this purpose? How will you ensure you follow through with it?
Devotional
Day 1: तड़प और जरूरत का अंतर
परमेश्वर हमारी जरूरतों के खिलाफ नहीं है, लेकिन जब तड़प की बात आती है, तो वह इसके खिलाफ है। तड़प वह स्थिति है जहां हमारी इच्छाएं हमारी जरूरतों से अधिक हो जाती हैं और हमें गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित करती हैं। इसौ ने अपनी तड़प के कारण अपने पहलोटा के अधिकार को बेच दिया, जो कि एक महत्वपूर्ण आत्मिक अधिकार था। हमें अपनी तड़प पर नियंत्रण रखना चाहिए और परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चलना चाहिए। [01:14]
"तुम्हारे पास जो कुछ भी है, उसी में संतुष्ट रहो, क्योंकि उसने स्वयं कहा है, 'मैं तुझे कभी नहीं छोड़ूंगा और न कभी त्यागूंगा।'" (इब्रानियों 13:5, ESV)
Reflection: क्या आप अपनी तड़प को पहचान सकते हैं और उसे परमेश्वर की इच्छा के अनुसार नियंत्रित कर सकते हैं? आज, एक ऐसी तड़प को पहचानें जो आपको गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर रही है और उसे परमेश्वर के सामने समर्पित करें।
Day 2: शारीरिक और मानसिक थकान
जब हम शारीरिक या मानसिक रूप से थके हुए होते हैं, तो हमें सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह वह समय होता है जब शत्रु हमें कमजोर पाता है और हमें गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित करता है। इसौ ने अपनी तड़प के कारण अपने अधिकार को बेच दिया और यह एक महत्वपूर्ण आत्मिक अदली-बदली थी। थकान के समय में हमें विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए और परमेश्वर की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। [03:40]
"और वह कहता है, 'मेरे अनुग्रह तुम्हारे लिए पर्याप्त है, क्योंकि मेरी शक्ति कमजोरी में सिद्ध होती है।' इसलिए मैं अपनी कमजोरियों पर अधिक गर्व करूंगा, ताकि मसीह की शक्ति मुझ पर निवास करे।" (2 कुरिन्थियों 12:9, ESV)
Reflection: जब आप थके हुए होते हैं, तो आप किस प्रकार के गलत निर्णय लेते हैं? आज, एक ऐसा समय चुनें जब आप थके हुए हों और उस समय में परमेश्वर की शक्ति पर निर्भर रहने का प्रयास करें।
Day 3: शब्दों की शक्ति
शब्दों की शक्ति को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि शब्दों के माध्यम से ही अदली-बदली होती है। याकूब ने अपने बेटों पर भविष्यवाणी की और रूबन को उसके गलत निर्णयों के लिए चेतावनी दी। यह हमें सिखाता है कि हमारे शब्दों का प्रभाव हमारे भविष्य पर पड़ता है। हमें अपने शब्दों का उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए और उन्हें परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बोलना चाहिए। [08:21]
"मृत्यु और जीवन जीभ की शक्ति में हैं, और जो इसे प्रेम करते हैं, वे इसके फल खाएंगे।" (नीतिवचन 18:21, ESV)
Reflection: क्या आप अपने शब्दों के प्रभाव को समझते हैं? आज, एक ऐसा समय चुनें जब आप किसी के साथ बातचीत कर रहे हों और अपने शब्दों का उपयोग सोच-समझकर करें, ताकि वे परमेश्वर की इच्छा के अनुसार हों।
Day 4: आत्मिक अदली-बदली
आत्मिक अदली-बदली एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। जब हम कहते हैं कि हम येशु में अपने प्राण, आत्मा, और शरीर को सौंपते हैं, तो एक आत्मिक अदली-बदली होती है। यह हमें सिखाता है कि हमारे निर्णयों का आत्मिक प्रभाव होता है और हमें सावधान रहना चाहिए। हमें अपने जीवन में आत्मिक अदली-बदली के महत्व को समझना चाहिए और अपने निर्णयों को परमेश्वर की इच्छा के अनुसार लेना चाहिए। [16:12]
"इसलिए यदि कोई मसीह में है, तो वह नई सृष्टि है। पुरानी बातें बीत गईं; देखो, सब कुछ नया हो गया है।" (2 कुरिन्थियों 5:17, ESV)
Reflection: क्या आप अपने जीवन में आत्मिक अदली-बदली के महत्व को समझते हैं? आज, एक ऐसा निर्णय लें जो आपके आत्मिक जीवन को प्रभावित करता है और उसे परमेश्वर के सामने समर्पित करें।
Day 5: परमेश्वर की इच्छा को समझना
हमारे जीवन में परमेश्वर की इच्छा को समझना और उसे अपनाना महत्वपूर्ण है। हमें अपने जीवन में सही दिशा में चलने के लिए परमेश्वर की इच्छा को समझना चाहिए और अपनी तड़प पर नियंत्रण रखना चाहिए। याकूब ने अपने बेटों पर भविष्यवाणी की और रूबन को उसके गलत निर्णयों के लिए चेतावनी दी। यह हमें सिखाता है कि हमारे निर्णयों का प्रभाव हमारे भविष्य पर पड़ता है। [38:03]
"क्योंकि मैं उन योजनाओं को जानता हूँ जो मैं तुम्हारे लिए रखता हूँ, यहोवा की वाणी है, वे योजनाएँ तुम्हारी भलाई के लिए हैं, न कि तुम्हारी हानि के लिए, तुम्हें आशा और भविष्य देने के लिए।" (यिर्मयाह 29:11, ESV)
Reflection: क्या आप अपने जीवन में परमेश्वर की इच्छा को समझते हैं? आज, एक ऐसा समय चुनें जब आप परमेश्वर की इच्छा को समझने के लिए प्रार्थना करें और उसे अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करें।
Quotes
### Quotes for Outreach
1. "तो जब ये प्रकाशन आपके पास होता है, और ऐसा नहीं है कि परिक्षाई नहीं आएगी, और इतनी सारी चीज़ों की परिक्षाई आएगी, और पैसों की परिक्षाई आएगी, छोड़ना क्या लोर्ड, लोर्ड, जाना, बैट घर पे, थोड़ा स्टॉक वॉक देख थोड़ा सा, टाइम फर जीज़स, और एशु के लिए समय है, एशु का समय है, कितने लोग कहेंगे हमें, and people will say the power of God is at work in your heart" [42:59] (72 seconds)
2. "और जब आप शारेर एक रूप से ठक जाते हैं तो अपने भावनाओं को लेकर आपको सावधान हो रहा है तो जब आप मानसिक रूप से ठके हुए होते हैं तो आपको सावधान रहता है और कोई अपने आपके कंदों पर हाथ रखता है और क्योंकि मानसिक रूप से आप ठके हुए हैं तो आप हार मानेते हैं" [03:40] (23 seconds)
3. "और जब भविश्रवानी करने लगे और इस कलिस्या में थे और ऐसे प्रतिश्रित लोग थे और उनकी काडिया बड़ी बड़ी थी और जब भविश्रवानी करना शुरू किया और एक विवसाइक व्यक्ती थे और जब भविश्रवानी करने लगे और अभी शेक मंडराने लगा और लोगों को ऐसे बुलाने लगे और इसी प्रकार से किया जाता है क्या आप सुन रहे हैं गलत मत समझी है और यूके में गए तो वो ऐसे पीछे के कीसे में पैसे डाल दे जा रहे थे" [27:52] (23 seconds)
4. "और जब आप खाना खाते हैं तो परमेश्र निराश नहीं होता लेकिन जब वो जादा हो जाता है लेकिन वो बहुत जादा जब हो जाता है तो उसे तडब कहते हैं तो परमेश्र आपके जरूरत के खिलाफ नहीं लेकिन आपके तडब के खिलाफ है" [01:14] (23 seconds)
5. "और जब आप थक्के हुए रहते हैं भावनात्मक रूप से तब शत्रू आपकी और कुछ फेकता है और याकुब ने उसे कहा आपने पहलोटा का अधिकार आज मेरे हाथ बेच दे उसने ये नहीं कहा मुझे दे दे उसने कहा मुझे बेच दे तो जब भावनात्मक रूप से या शारीक रूप से आप ठके हुए रहते हैं तो आप बहुत आसानी से हार मान सके" [05:28] (23 seconds)
### Quotes for Members
1. "और कल्पना कीजिए एक पित्ता अपनी खुद के बेटे पर ऐसा कह रहा है सर सुनिये क्योंकि तू अपने पित्ता के खाट पर चड़ा और उसने अपनी सोतली मा जो याकूब की एक पत्नी थी उसके साथ शारिर एक संबंद बना है और याकूब जो कह रहा था कि रूबन तेरा वो सौधा उसका तुछे लाल साको नहीं कर पाया और क्यूखी तुं नियंत्रन नहीं कर पाया इसके लिए तुछे उसका दाम चुकाना पड़ेगा और एक सौधा अब आप समझ रहे हैं" [22:12] (23 seconds)
2. "और इस्रायल का नाम इसोव के जरिये लिखा जाना था लेकिन वो पूरा बदल गया और किसी को देख कर कहें आत्मा में कुछ अदली बदली होती है और जिस शन में आप कहते हैं कि येशू में अपने प्रान, आत्मा, शरीर को तुझे सौपता हूँ तब एक आत्मिक अदली बदली होती है" [16:12] (23 seconds)
3. "और बाइबल में ऐसा लिखा है, ऐसे इसोव ने अपने पहले रिटे का अधिकार तुछ जाना, और वो सिव एक ऐसा स्थिती थी, और वो खतम हो गया, और बहुत सारी लोगों ने अपनी शादी को, अपने बुलाहट को, बहुत सारी चीज़ों को टुकरा दिया, सिर्फ उनके तडब के कारण, और वो विश्वासी भी नहीं था, वो कहती है कि मैं उससे प्रेम करती हूँ पास्टर, और उसने सब कुछ फेक दिया, और आप से एक भविश्वत बच्चा जन्म देता, और कुछ परमेशन एं विधान आपके लिए रखा, आपने सब फेक दिया" [08:21] (23 seconds)
4. "और जब ऐसे कोई पुरुष अपने तडब के वारायान मान्ने लेते हैं और बहुत महिलाही भी ऐसे करती है तो आपे तडब के सामने जुक जाने के ख़तरा और ये शुरू ने कहा कि पहला आखरी होगा जब आप अपने तडब के सामने जुक जाते हैं और यूदास के बारे में क्या वो परमेश के सामत में कार्य करता था अपने बाइबल को पढ़े उससे शैतानों को भाई निकाला वो येशु के करीब बैठा था और येशु के सेवकाई के पैसो को वो संभाल रहा था" [25:26] (23 seconds)
5. "और पैसों के लिए आपका जो प्रेम है उसपर आप नियंत्र नहीं पासकते हैं सावधान रहे और आपके तड़प के सामने जुके मात Some of you cannot control और कुछ लोग है जो दिखना साते हैं There's a craving to be seen आप दिखने की तड़प रहते हैं And the airlines know it और सब जानते हैं और आपके दिखने की इच्छा को वो जानते हैं आप प्राप्त कर रहे हैं अपनी पढ़ोसे से कहा आप छुडाए जा रहे हैं" [31:36] (60 seconds)